The 2-Minute Rule for baglamukhi shabhar mantra



Then by holding ‘Dakshina’ or some items from the hand on the Woman, search for her blessings and chant this mantra just one hundred and eight times from the night time and pray again to punish the enemy.

में भी साधना करना चाहती हू। आचार्य जी एक दो वूजुर्ग साधकों से में मिली हूं। उन्होंनों शाबर मत्रं दिये थे परन्तु वह क्या सच में मत्रं है। समझ ही नहीं पाई ओर किताबें बहुत पढ़ी। आप के आर्टिकल आजकल पड़ रही हूं। कोई सरल सा मत्रं बात दीजिए। आपकी बहुत ही कृपा होगी।

बाल-भानु-प्रतीकाशां, नील-कोमल-कुन्तलाम् ।

“अयं हरिं बगलामुखी सर्व दुष्टानं वचं मुख पदं स्तम्भया

Over time, many saints and spiritual masters even more enriched the Shabar mantra tradition. They collected and compiled these mantras, and their collections grew to become often known as 'Shabar Vidya', or perhaps the understanding of Shabar mantras.

ऊँ ह्रीं क्लीं (व्यक्ति का नाम) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।

योषिदाकर्षणे शक्तां, फुल्ल-चम्पक-सन्निभाम् ।

जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा

मुद्-गरं दक्षिणे पाशं, वामे जिह्वां च वज्रकम् ।पीताम्बर-धरां सान्द्र-वृत्त-पीन-पयोधराम‌्

प्रसन्नां सुस्मितां क्लिन्नां, सु-पीतां प्रमदोत्तमाम् । सु-भक्त-दुःख-हरणे, दयार्द्रांं दीन-वत्सलाम् ।

शाबर मंत्रों को साधने के विघान कुछ विशेष ही होते है। कुछेक जल में रह कर, कुछ शमशान तिराहे पर, चौराहे पर यहाँ सहज ही सरल विधान दे रहे हैं, किसी भी मंगलवार, इतवार,बृहस्पतिवार या अस्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल, मीठे तेल या शुद्ध घी के साथ एक चुटकी हल्दी के साथ यह दीपक जलाकर व साघक साधना के समय पिले वस्त्रों को धारण करें और पीला तिलक लगा कर देवी चित्र या मूर्ति का पूजन हल्दी से करें व पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से कोई भी एक का जप करें तथा पिला ही भोग लगावें इस प्रकार ४३ दिवस तक करने से कार्य में अवश्य ही विजयी प्राप्ति होती है यहा केई बार तो चार ,छै: दिनों में ही सफलता हाथ लगती है।

ऋषि श्रीनारद द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

The Sadhana is highly regarded in some rural areas and results in a enjoyable generate. Prior to executing the sadhana, the mantra is awakened by chanting it 1008 read more times  throughout the auspicious occasion of Holi, Diwali

वादी मूकति, रङ्कति क्षिति-पतिर्वैश्वानरः शीतति ।

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